मुस्लिम समाज शिक्षा जागरूकता के मामले में काफी पीछे रह गया है l मुस्लिमों में शिक्षा का स्तर भारत में बहुत ही निम्न है l इसका मुख्य कारण मुस्लिम समाज का स्कूलों तक ना पहुंच पाना है I आज से 15 वर्ष पहले सच्चर कमेटी की सिफारिशों को देखा जाए तो पता चलता है मुसलमानों में शिक्षा अनुसूचित जनजाति अनुसूचित जाति से भी निचले स्तर पर है I
मुस्लिम समाज शिक्षा जागरूकता में शिक्षा का स्तर
15 वर्ष पहले सचर कमेटी की सिफारिशों को लागू किया जाना था l हालांकि कई अव्सरों पर कार्य किए गए हैं इसके बावजूद शिक्षा पद्धति में सुधार का नामो निशान नहीं है l इसके लिए मुस्लिम समाज ही जिम्मेदार है । अभी तक मुस्लिम समाज में जागरूकता नहींआई है । मुस्लिम समाज मदरसों और मस्जिदों के चक्कर में ही लगा हुआ है ।
निम्न स्तर पर शिक्षा जागरूकता
आज भी मुस्लिम समाज के लगभग 14.4 प्रतिशत लोग कक्षा बारहवीं के आगे की शिक्षा ग्रहण करते हैं। मुस्लिम समाज का मुस्लिम समाज का बहुत बड़ा हिस्सा लगभग 17% से अधिक लोग प्राथमिक शिक्षा भी ग्रहण नहीं करते हैं।
जनगणना 2011 के अनुसार मुस्लिम समाज शिक्षा जागरूकता की साक्षरता दर सबसे निचले स्तर 52% के आसपास है। मुस्लिम आबादी का बहुत बड़ा हिस्सा आज भी प्राथमिक शिक्षा ग्रहण ना करके मदरसों और इस्लामिक शिक्षा ग्रहण करता है । जिससे इनके सर्वांगीण विकास पर प्रभाव पड़ता है।
शिक्षा ग्रहण करने के लिए वेबसाइट : https://edupedo.com/ पर विजिट करे l
यह अतिशयोक्ति ही है कि मुस्लिम समाज शिक्षा जागरूकता आबादी में 3 से 35 वर्ष के लोगों की संख्या अन्य धर्मों के लोगों की संख्या से अधिक है। इसके बावजूद इसके बावजूद शिक्षा का स्तर नगण्य बना हुआ है।
1947 में 500 से अधिक नवाबों के होने के बावजूद आज मुस्लिम समाज सबसे निचले स्तर पर क्यों पहुंच गया?
मुस्लिम समाज में शिक्षा जागरूकता में जनसँख्या नीति
2020 में भारत में कुल मुस्लिम आबादी 21 करोड़ को पर कर गयी है l अकेले उत्तर प्रदेश में इनकी कुल जनसँख्या लगभग 4 करोड़ के आस पास है l इसके बाद बंगाल जनसंख्या के आधार पर देश में दुसरे स्थान पर है l
अक्सर देखा जाता है की मुस्लिम समुदाय में 4×5 = 20 का फार्मूला अपनाया जाता है l मुस्लिम समुदाय कई निकाह करके जनसँख्या बढ़ाने का काम करते है l इससे संसाधनों पर बोझ पड़ता है l परिणामस्वरुप बेरोजगारी और भुखमरी की स्थिति बनती है l
विज्ञान और प्रोद्योगिकी (Science and Technology) पर कम विश्वास करना
यह समुदाय विज्ञान के नियमो से ज्यादा अल्लाह के नियमो या यूँ कहे की मुस्लिमो की पवित्र पुस्तक कुरान पर विश्वास करते है l इस समुदाय में विज्ञान से ज्यादा कुरान पर फोकस किया जाता है l इसका उदाहरण गर्भ निरोधक विधियों को न अपनाना है l शिक्षा से अधिक धर्म पर ध्यान देना l
उच्च शिक्षा की ओर बहुत कम ध्यान दिया जाता है l बचपन से ही बच्चो को काम पर लगा दिया जाता है l घर पर कुटीर उद्योग पर घर के सभी सदस्य कार्य करते है l इन उद्योगों में प्राद्यौगिकी का उपयोग बहुत कम किया जाता है l अधिकतर उद्योग मानव श्रम आधारित होता है l
Elon Musk Twitter goes wrong Contraversial twit. Know more